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निजी आजादी.......

........निजी आजादी.......

गलत को गलत यदि कह न सको
तो गलत का साथ भी गलत ही होगा
स्वयं को निर्दोष समझने से पहले
अपनी भूमिका भी माननी होगी....

दुनियां के उसूलों के साथ चलना
स्वयं को गुलाम बना लेना है
विशिष्टता मे लोग अलग कुछ नही करते
ढंग ही उनका अलग होता है...


आप सभी के लिए जरूरी भले न हों
अपनों मे आपकी जरूरत है
आपका अपना व्यक्तित्व ही
अपनों को गर्वित और अपमानित करता है...

निजी आजादी की भी अपनी सीमा है
सीमा के बाहर सिर्फ अंधकार ही होगा
आपकी योग्यता हो सकती है बेहतर
किंतु,संगत के अनुसार ही व्यवहार होगा....

आपकी निजता से ही आपकी पहचान होगी
आपसे ही अपनों का कल होगा
आज तो जो आया है ,गुजर ही जायेगा
सोचिए सिर्फ इतना की 
कल क्या होगा ...
.........................
मोहन तिवारी,मुंबई

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2 Comments

Mohammed urooj khan

21-Oct-2023 11:46 AM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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madhura

20-Oct-2023 11:24 AM

V nice

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